My Experience with Best Hindi Novel Godaan
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Meaning of Godaan is
Cow donation, A premarital ceremony.
Author of Noval Godaan is Munsi Premchand
The real Name is "Dhanpat Rai Srivastava"
Godaan is very famous Hindi Novel written by "Munsi Premchand" . This Novel was published first time in 1936 and it was very famous Hindi in Modern Hindi Literature.The Theme of this Novel is based on in Socio-economics spoliation and also described heart touching story of village poor person. This Novel also present the exploitation of village poor people.This is last complete Novel Of "Munsi Premchand". It's a Fiction Novel by genre. This Novel also translated In many language. This Novel has been translated into English language in 1957 by "Jai Ratan" and "Purushottama Lal" as "The Gift Of A Cow". A film also made on this Novel 1963.
◆My Experience with this Novel
सर्वश्रेष्ठ हिंदी उपन्यास "गोदान" के साथ मेरा अनुभव
गोदान का अर्थ है
गाय दान, एक पूर्व-विवाह ,या समारोह से पहले ब्राह्मण को गाय का दान।
"गोदान" उपन्यास के लेखक मुंशी प्रेमचंद हैं।वास्तविक नाम "धनपतराय श्रीवास्तव"
●परिचय
गोदान "मुंशी प्रेमचंद" द्वारा लिखित बहुत प्रसिद्ध हिंदी उपन्यास है। यह उपन्यास पहली बार 1936 में प्रकाशित हुआ था और यह आधुनिक हिंदी साहित्य में बहुत प्रसिद्ध उपन्यास था। इस उपन्यास का विषय सामाजिक-अर्थशास्त्र पर आधारित है और गाँव के गरीब व्यक्ति की दिल को छू लेने वाली कहानी भी है। यह उपन्यास गाँव के गरीब लोगों के शोषण को भी प्रस्तुत करता है। यह "मुन्सी प्रेमचंद" का अंतिम पूर्ण उपन्यास है। यह शैली के हिसाब से एक फिक्शन उपन्यास है। इस उपन्यास का कई भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है। इस उपन्यास का 1957 में "जय रतन" और "पुरुषोत्तम लाल" द्वारा "द गिफ्ट ऑफ ए काउ" के रूप में अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया गया है। इस उपन्यास 1963 पर एक फिल्म भी बनी।
■मेरा अनुभव इस उपन्यास के साथ
गोदान उपन्यास के साथ मेरा अनुभव करीब एक हफ्ते पहले मेने गोदान उपन्यास फ्लिपकार्ट से मंगवाया था। कल उपन्यास पूरा हुआ। उपन्यास आपमे करुणामय अहसास पैदा कर देता है। वास्तविक अहसास का बौद्ध कराता है। प्रेमचंद ने अपने इस उपन्यास में जो हृदय स्पर्शी वर्णन किया है वो अतुल्य है। तभी इसको हिंदी साहित्य का महान उपन्यास कहा जाता है। मुझे ज्ञात हुआ की अमीरों ने ये अपना मूल अधिकार ही बना लिया था कि गरीबो को लुटे कर उनसे अपनी खुशामद करवाये। भगवान भी
अमीरों के जाने माने लगते है। अमीर गरीब को निचोडकर खाये तो खाये साथ मे अपनी ऊंची जात का अलग हिस्सा ले। और गरीब को निचोडकर उसकी आत्मा से जितना शोषण हो उतना करें और फिर उसे पूरा निचोडकर उस सूखे पडे शरीर को ये कहकर फेंक देता है कि जा भुक्त अपने कुकर्म जो तूने किये है, और अमीर आदमी भगवान की धोंस दिखाता है। गोदान उपन्यास में गृहस्थ जीवन का मार्मिक व वास्तविक वर्णन किया है।किस प्रकार गरीबी धर्म का पालन करती है वह तार-तार हो जाती है फिर भी धर्म का पालन करती है और अमीर का उस ओर ककी फर्क तक न पड़ता। उपन्यास बतलाता है कि मा-बाप लाख बुरे हो उनका त्रिस्कार न करें, शरुआती लाइनों में कह गया कि "लाख बुरा हो", इसका मतलब ये नही की मा- लाख बूरे होते है, इसका मतलब ये है कि उनकी अगर उन्होंने कभी बुरा भी किया हो, तो,वो माफी योग्य है,क्योंकि वो गलत है तो हमारी ही वजह इसमे है।
अमीरों के जाने माने लगते है। अमीर गरीब को निचोडकर खाये तो खाये साथ मे अपनी ऊंची जात का अलग हिस्सा ले। और गरीब को निचोडकर उसकी आत्मा से जितना शोषण हो उतना करें और फिर उसे पूरा निचोडकर उस सूखे पडे शरीर को ये कहकर फेंक देता है कि जा भुक्त अपने कुकर्म जो तूने किये है, और अमीर आदमी भगवान की धोंस दिखाता है। गोदान उपन्यास में गृहस्थ जीवन का मार्मिक व वास्तविक वर्णन किया है।किस प्रकार गरीबी धर्म का पालन करती है वह तार-तार हो जाती है फिर भी धर्म का पालन करती है और अमीर का उस ओर ककी फर्क तक न पड़ता। उपन्यास बतलाता है कि मा-बाप लाख बुरे हो उनका त्रिस्कार न करें, शरुआती लाइनों में कह गया कि "लाख बुरा हो", इसका मतलब ये नही की मा- लाख बूरे होते है, इसका मतलब ये है कि उनकी अगर उन्होंने कभी बुरा भी किया हो, तो,वो माफी योग्य है,क्योंकि वो गलत है तो हमारी ही वजह इसमे है।
3 Comments
Gud work sir
ReplyDeleteExcellent
ReplyDeleteWhat a noval😊 amazing
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