अस्थाई असफलता से हार न माने। Never Give Up.

कभी हार न माने

कभी आपको लगा है कि अब उम्र हो चली और घर चलाने को कुछ नही, कोई रोजगार नही और दूर-दूर तक कोई कमाई के कोई आसार नजर नही आते।

ऐसे में क्या ही किया जाए, हताश मन के सिवाय कोई जरिया नही सूझता, घर मे गरीबी का आलम हो तो खुद पर गुस्सा आता है और सोचते हैं अबतक मुजे एक सफल आदमी बन जाना था ,पर अफसोस है इसके आगे तक सोच नही पाते। 

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बहुत सी  राते ऐसी है जो बिना सो कर गुज़ारी है।

और सोचते है कभी कुछ कर पाएंगे ज़िन्दगी में? , ऐसे विचार आना स्वाभाविक है क्योंकि अब ज़िन्दगी के उन पड़ाव में है जहाँ हमे जिम्मेदारियां संभालनी है । और देखते हैं हमारे हम उम्र के लोग जो कामयाबी की बुलंदियों को छू रहे है उन्हें देखकर खुद को पिछड़ा हुआ सा देखते है,

पर मजे की बात ये है की कभी वो भी यही सोचते थे जो आज तुम्हारे मन मे ये बात घर कर रही है।ये वो वक्त है जो कामयाब ज़िन्दगी का पहला पड़ाव है ,चूँकि मुजे उपन्यास और बहुत सी उम्दा कलाकारों की कलमों को पढ़ने का शौक़ है तो ये बाते मेने वही से इल्म(सीखा) में ली , पर ऐसे हताश हालातो में खुद को बहने देना है और सीखते रहना है । 

एक दफ़ा मेने एक उम्दा कलाकार नेपोलियन हिल की एक पुस्कत पढ़ी (Think and grow rich) उसमे उन्होंने लिखा था कि "एक अस्थाई हार पर कोसिस करना छोड़ देना असफलता का आम कारण होता है"

और ये मेरे बहुत से व्यक्तिगत अनुभव में से एक है। मैं आपको उन अनुभवो को भी आपके साथ साझा करूँगा जब एक अच्छा लेख आपके सामने होगा उन्ही में ये अनुभव आपका मार्गदर्शन करेंगे मुजे पता है ,पर फिलहाल मैं आपको ऊपर लिखे उस अनमोल लाइनो का एक वाक्या आपके साथ साझा करना चाहूंगा,,

ये  वाक्या आज  से करीब करीब डेढ़ साल पहले का है जब मैं किसी के प्यार के काबिल बनना चाहता था, इससे मुजे काफी कु छ सीखने को मिला और मेरी ज़िंदगी मे इस वाक्या का बहुत अहम स्थान है, 

मेरे गाँव की एक लडक़ी थी जो पहले मेरे साथ मेरे ही स्कूल में पढ़ती थी मैं उसका senior था ,ये बात तो उस वक्त की है जब में अपने स्कूली जीवनी के पहले स्तर में था उस वक्त इन चीजों का इल्म न था,पर जैसे उम्र बढ़ी मैं उस स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी करने के उपरांत जब अगले स्कूल में दाखिला लिया, करीब 5-6 साल बाद मेने उस लड़की को दुबारा देखा ,अब ये वक्त है उस वक्त का जब वो भी आंखों की बात समझने वाली बन गई और मैं भी दिल की बात आंखों से समझाने वाला बन गया, वेसे वो गांव की ही है पर ,मेने उसे देखा 5-6 सालो के बाद उस दिन जिस दिन मैं मेरे दोस्तों के साथ हमारे गांव की नहर में नहाने के लिए गया हुआ था , और इतेफ़ाक़ ये हुआ कि वो भी अपने बहन और अपनी मम्मी के साथ वहां कपड़े धोने के लिए आई हुई थी

उस वक्त मेने उसे देखा तो एक अपनापन-सा मुझे उसमे नज़र आया क्योंकि हम पहले एकदूसरे से बोले हुए थे जब हम नादान थे और इस अहसास का कतई इल्म न था,पर अब हम एकदूसरे के सामने जब आये तो बिल्कुल अनजानपना सा व्यवहार में दिखाया,पर उसी दिन मेरी जहन में उसका चेहरा उतर गया और आज भी याद है।

मेने मेरे दोस्त को इस बारे में बताया तो उसने कहा अच्छी पंसद है तुम्हारी ,क्योंकि वो थी ही ऐसी उस दिन उसने लाल सूट पहन रखा था और चेहरे पे मासूमियत और आराम आराम से कपड़े-धो रही रही थी,उस दिन के बाद मेने वहीं किया जो  करना चाहिये था उसके बारे वे इधर-उधर से पता लगाया तो खबर हुई कि वो पास ही के गांव में पढ़ती और बस से ही जाती है,

मेने उसे मेरा पूरा वक्त दिया और उसे अहसास करवाया की इस शख्स के मन मे आपके लिए बहुत कुछ है

पर मैं कभी उससे बोल नही पाया क्योंकि हिम्मत नही हुई क्योंकि डरता था कि उसने कही कोई ऐसा कदम उठा दियो तो जिससे मेरी या मेरे घर वालो की छवि खराब हो जाये,पर वो ऐसी नही थी ये बात मुजे आगे 3 साल बाद पता चली मेने उसे काफी वक्त दियो और उसने जो एक मासूम लड़की करती है वो अहसास मुजे करवा दिया था पे ये सब बातें मुजे वक्त बीतने के बाद पता चली की आने दिल की बात कहने मात्र से किसी की छवि खराब नही होती क्योंकि अपने कुछ बुरा नही किया बस अपने भाव को उनको बताया है और उसके क्या भाव है इतना पूछने का प्रयाश किया है अगर वो चाहती  है तो हां कर देगी वरना ना इससे ज्यादा नही क्योंकि इससे ज्यादा अपने भी कुछ नही किया है, खैर मैं पूछ नही पाया और खुद ने ही मान लिया कि उसकी ना है ,पर ख़ास बात ये थी कि ये मेरी अस्थाई हार थी जिसे म समझ रहा था कि अब कुछ नही है ,उस वक्त अब नहीं, मेने कोसिस करनी छोड़ दी पर 3 साल बाद मैंने फिर मेरे गॉंव के मन्दिर में उन्हें देखा तो मेरे मन मे वही लगाव उनके परती हो उठा, उसके बाद मेने फिर उन्हें वक्त देना सुरु किया ,पर में भूल चुका था कि अब 3 साल ही चुके है क्या पता वो भी किसी के साथ अब relationship में हो, ये सब बातें मेरे जहन में नही आई ,और म फिर से वक्त देने लगा वही मुश्किल फिर मेरे सामने आई क्योंकि वो तक आनी ही थी इससे तो मुजे गुजरना ही था कास उसी वक्त ये सब पता होता पर,,मेरे मन मे यही ख़याल फिर आया कि छोड़ दु क्योंकि तक़्क़लीफे काफी थी

पर एक ख्याल ये भी आया कि छोड़ा तो पहले भी था,तो उस ख्याल से मेंने मेरा प्रयाश जारी रखा अबकी बार मेने हार नही मानी और ठीक इसी पड़ाव के बाद मुजे सफलता मिली उसने मुझसे बाते की ओर मेने उनसे जिस भाव से मुजे करनी थी।तो ये  एक अनोखा वाकया था मेरी ज़िंदगी का एक अस्थायी

हार पर कोसिस करनी नही छोड़नी चाहिए,,ये हार का आम कारण होता है।ये बात सिर्फ इसी चीज पे लागू नही होती चाहे कोनसा भी क्षेत्र हर जगह ये बात लागू होती है।हर चीज से सीखना सीखें।

तो ये हतास होने वाला वो मोड़ है  जहाँ आपको आपको सही दिशा में रहते हुए चलते रहना है बस,और ये सही दिशा मिलेगी कैसे? एक और मशिवरा आपको सुनाता हूं,कोई भी काम करने से पहले या कोई काम छोड़ने से पहले किसी विशेषज्ञ की राय लेना न भूले, अपने दोस्तो से ही राय ले ले सबसे पहले तो बातचीत करना सबसे अहम पहलू है खुद को motivate करने का उन्हें वही बताये जो आप महसूस कर रहे है, ध्यान रहे सुनने वाला अच्छा व्यक्तित्व वाला हो।।

Never Give Up

Have you ever felt that now the age has passed and there is nothing to run the house, there is no employment and there is no prospect of earning far and wide.



In such a situation, what should be done, there is no way to understand except a desperate mind, if there is a situation of poverty in the house, then I get angry on myself and think that by now I had to become a successful man, but alas, I can not think beyond this.

There are many nights that have long companions.And think that sometimes you will be able to do something in life, it is natural to have such thoughts because now we are in those phases of life where we have to handle the responsibilities.

And let's see that the people of our age who are touching the heights of success, they see themselves as backward.But the interesting thing is that once they used to think the same thing which is doing this thing in your mind today.

This is the time which is the first stage of a successful life, since I am fond of reading novels and pens of many great artists, I learned these things in my knowledge, but in such desperate situations, I have to let myself flow. And keep learning.

Once I read a book by a great artist Napoleon Hill (Think and grow rich) in which he wrote that "The common cause of failure is to give up trying on a temporary defeat".

And this is one of my many personal experiences, I will also share those experiences with you, when a good article is in front of you, these experiences will guide you in them, I know, but for the time being I will give you one of those precious lines written above. I would like to share the story with you.

This sentence is about one and a half years ago from today, when I wanted to be worthy of someone's love, I learned a lot from this and this sentence has a very important place in my life,

There was a girl from my village who used to study with me in my same school, I was her senior, this is about the time when I was in the first stage of my school biography, at that time I was not aware of these things, but as the age I grew up after completing my studies from that school, when I enrolled in the next school, after about 5-6 years I saw that girl again, now it is the time when she too became an eye-witness and I He also became an eye-witness about the heart, he belongs to the village, but I saw him after 5-6 years on the day I went with my friends to take a bath in the canal of our village, and Coincidentally, she had also come there with her sister and her mother to wash clothes.At that time when I saw him, I saw a kind of familiarity in him because we were talking to each other earlier when we were innocent and there was no knowledge of this feeling, but now when we came in front of each other, we showed a completely unknown behavior. But on the same day his face entered my mind and I still remember it.

When I told my friend about this, she said that you like her, because she was wearing a red suit that day and she was washing clothes with innocence and comfort on her face, after that day I stayed there When they found out from here and there about what they should have done, it was reported that she studies in a nearby village and goes by bus.I gave him all my time and made him realize that this man has a lot in his mind for you.

But I could never speak to her because I did not have courage because I was afraid that if she took such a step somewhere that would spoil the image of me or my family members, but she was not like this, I came to know after 3 years. Give her a lot of time and she had made me realize what an innocent girl does, but after the passage of time, I came to know that just by talking about my heart, one's image is not spoiled because he has not done anything bad. I have told my feelings to them and have tried to ask what is her feeling, if she wants, she will do yes or no more than this, because I have not done anything more than this, well I could not ask and myself agreed. Took that he is not there, but the special thing was that it was my temporary defeat, which I was understanding that there is nothing now, not at that time, I stopped trying, but after 3 years I again saw them in the temple of my village. When I saw the same attachment in my mind fell on them, after that I again started giving time to them, but I had forgotten that now it has been 3 years, do you know that he too is now relation with anyone. Be in onship, all these things did not come to my mind, and I started giving time again, the same difficulty again came in front of me because it had to come, I had to go through this, I would have known all this at the same time, but in my mind I thought again that I should leave because the suffering was enough.

But a thought also came that even if I left it was there before, so I continued my efforts with that thought, this time I did not give up and I got success after this very stage, he talked to me towards the feeling with which I had to deal with him. .

So this was a strange incident, a temporary part of my life.One should not stop trying on defeat, this is a common reason for defeat,This thing does not apply only to this thing, no matter which area it is applicable everywhere.

Learn to learn from everything.

So this is the turning point of frustration where you just have to keep walking while staying in the right direction, and how will you get this right direction?

Let me tell you one more advice, before doing any work or before leaving any work, do not forget to take the opinion of an expert, take opinion from your friends, first of all, talking is the most important aspect to motivate yourself. Tell me what you are feeling, listen and listen

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Learn to look inside yourself

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