मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है ?
जैसे कि आप जानते हैं भारत में प्रकृति को देवों का स्थान दिया गया है मकर संक्रांति का त्योहार जो है वह भी पूरी तरीके से वैज्ञानिक त्यौहार है और सूर्य की स्थिति जब बदलती है उसी कारण से इस त्यौहार को मनाया जाता है। जैसा कि आप जानते हैं कि सनातन धर्म और हिंदू धर्म में अधिकतर जो परंपराएं और मान्यताएं है वो वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बनाई गई है। मकर संक्रांति को भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है और अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। गुजरात मे मकर संक्रांति को लोग उत्तरायण के नाम से जानते हैं और वही राजस्थान, बिहार और झारखंड में इसे सक्रांत कहा जाता है।
पोंगल क्या है?
दोस्तों तमिलनाडु में मकर संक्रांति को ही पोंगल के नाम से जाना जाता है यानी की मकर संक्रांति को हर वर्ष हर्षोलास के साथ 14 जनवरी को ही मनाया जाता है।
Makar Sankranti 2024 date and time क्या होगा?
दोस्तों मकर संक्रांति 2024 सोमवार 15 जनवरी को है जिसमें सूर्य 14 जनवरी को सुबह 2:54 बजे मकर राशि में प्रवेश करेगा। उत्सव के लिए शुभ पर्व मुहूर्त सुबह 7:15 बजे से शाम 5:46 तक है। जबकि अत्यधिक महत्वपूर्ण महा पुण्य मुहूर्त है।प्रातः 7:15 बजे से प्रातः 9:00 बजे तक।
मकर संक्रांति कब होता है?
हिंदू धर्म में माह को दो पक्षों में बांटा गया है कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष ठीक इसी तरह से वर्ष को भी दो आयनों में बांटा गया है उत्तरायण और दक्षिणायण। अगर दोनों को मिला दिया जाए तो 1 वर्ष पूरा हो जाता है। मकर संक्रांति के दिन की सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ हो जाती है इस कारण मकर सक्रांति को उत्तरायण भी कहते हैं। और यह भी मान्यता है कि पौष मास में जब सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि मे प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। क्योंकि सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति कैसा त्यौहार है पूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाता है। हर वर्ष 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। तो यह त्यौहार मनाने के पीछे ये वैज्ञानिक कारण ही है। इसके अलावा भीत सी मान्यताये भी है जैसे कि हिंदू धर्म के मान्यताओं के अनुसार आज के दिन भगवान विष्नु ने असुरों का अंत करके उनके सिरों को मंदार पर्वत में दबाकर युद्ध की समाप्ति की घोषणा की थी।
मकर संक्रांति के दिन को बुराइयों और नकारात्मकता को समाप्त करने का दिन भी मानते हैं। कहीं-कहीं आज के दिन पतंग उड़ाने का दिन भी मानते है। इस त्योहार को भी पूरे भारत में इस त्यौहार को हर्षोल्लाह से मनाया जाता है। इस त्योहार को मनाने के पीछे मुख्य कारण जो थे और मुख्य जो मान्यताएं थी वह मैंने आज आपको पता लग चुकी है दोस्तो।
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