Title: "नई-नवेली दुल्हन"
उन मकानों को,
खंडहर समझकर, पर ना-समझ,
पुरानी पीढ़ी बैठी रही,वहीं
अपनी टूटी-सी खटिया पर
टटोलती रही,
पुरानी यादों को,की
वो आई थी नई-नवेली
दुल्हन बनकर,
इस मकान में कभी
और महसूस करती है,
अपने स्पर्श को टूटी दीवारों
पर...।।
Writer: Bikiyo
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